Thursday, June 27, 2019

Storage Devices [कमप्यूटर में जानकारी कहां सहेजें (स्टोरेज डिवाइस )संचय युक्ति]

कमप्यूटर में जानकारी कहां सहेजें (स्टोरेज डिवाइस )
आप पढ़ चुके हैं कि रैम(Ram) एक कार्यकारी मैमोरी (Random Access Memory) है यानि यह तभी काम करती है जब आप कम्प्यूटर पर काम (Work on Computer)कर रहे होते हैं कम्प्यूटर के बन्द करने पर रैम में संग्रहित सभी सूचनाऐं नष्ट हो जाती हैं लेकिन आप चाहेंगे कि आप कम्प्यूटर पर जो काम करें वह बाद में आपको मिल सके। 
इसके तरह के कामों के लिये और प्रोसेस्ड जानकारी को सहेज कर रखने के लिये स्टोरेज डिवाइस का उपयोग किया जाता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसी सूचना का पुनः उपयोग किया जा सके या वह जानकारी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचायी जा सके। कम्प्यूटर द्वारा स्थायी तौर पर बहुत अधिक मात्रा मे आंकडों को संचित करने के लिये कई तरह की स्टोरेज डिवाइस का उपयोग होता है। जैसे हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, सीडी, डीवीडी, पैन ड्राइव आदि।

हार्ड डिस्क़ ड्राइव(Hard Disk Drive):- यह कम्प्यूटर से जुड़ी स्टोरेज डिवाइस(Storage Device) संचय युक्ति है। यह इलेक्ट्रोमैगनैटिक (Electromagnetic) सिद्धांत पर काम करती है। इसका उपयोग किसी भी जानकारी, फोटो, संगीत या फिल्म को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिये होता है। 

आप किस हार्ड डिस्क में कितनी जानकारी सहेज सकते हैं इसका पता हार्ड.डिस्क की क्षमता पर निर्भर करता है। आजकल सामान्यत हार्ड डिस्क की क्षमता को जी0बी0 ;गीगा.बाइट में मापा जाता है। हमारे काम में आने वाले हार्ड.डिस्क 20 जीबी से 6 टीबी तक की होती हैं।

सीडी डीवीडी (CD and DVD):- यह ऑप्टीकल (Optical)  सिद्धांत पर काम करती हैं। जहाँ सामान्यत हार्ड डिस्क कम्प्यूटर से जुड़ी रहती है वहीं सीडी, डीवीडी को आप निकालकर एक जगह से दूसरे जगह तक ले जा सकते हैं। कम्प्यूटर में सीडी, डीवीडी में रखी जानकारी को पढ़ने के लिये सीडी, डीवीडी ड्राइव का होना आवश्यक है।

 किसी फिल्म या संगीत की सीडी, डीवीडी को आप अपने सीडी, डीवीडी प्लेयर में भी पढ़ सकते हैं बशर्ते सीडी, डीवीडी में रखी फिल्म या संगीत का फॉर्मेट आपके सीडी, डीवीडी प्लेयर के अनुकूल हो। यदि आप सीडी डीवीडी में कोई जानकारी सहेजना चाहते हैं तो आपके कम्प्यूटर में सीडी, डीवीडी राइटर होना जरूरी है।

पैन ड्राइव(Pan Drive):- यह भी जैसे सीडी और डीवीडी वर्क करते है यह भी उसी सिद्धान्त पर कार्य करती है। बस इसका साइज बहुत छोटा होता है जिससे इसे कही भी सहजता से ले जा सकते है।


Wednesday, June 26, 2019

Types of Computers (कम्प्यूटरों के प्रकार)

Types of Computers (कम्प्यूटरों के प्रकार) 
1. अनुप्रयोग(Types of Working) के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार 
यद्यपि कम्प्यूटर के अनेक अनुप्रयोग हैं लेकिन प्रमुख अनुप्रयोगों के आधार पर कम्प्यूटरों के तीन प्रकार होते हैं
1 एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
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2 डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
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3 हाईब्रिड कम्प्यूटर(High Bird) 
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2 . आकार के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार (Computer types on behalf Size)
आकार के आधार पर हम कम्प्यूटरों को निम्न श्रेणियाँ प्रदान कर सकते हैं  
1 माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
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2 वर्क स्टेशन (Work Station)
3 मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
4 मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
5 सुपर कम्प्यूटर(Super Computer)



पर्सनल कम्प्यूटर (P.C.)ऐसे माइक्रो कम्प्यूटर हैं जो विशेष रूप से व्यक्तिगत अथवा छोटे समूह के द्वारा प्रयोग में लाए जाते हैं। इन कम्प्यूटरों को बनाने में माइक्रोप्रोसेसर(Microprocessor) मुख्य रूप से सहायक होते है। पर्सनल कम्प्यूटर निर्माण विशेष क्षेत्र तथा कार्य को ध्यान में रखकर किया जाता है उदाहरणार्थ. घरेलू कम्प्यूटर (Home Computer) तथा कार्यालय (office Computer) में प्रयोग किये जाने वाले कम्प्यूटर इसके बारे में विस्तार पूर्वक अलग से चर्चा (Discussion)करेंगे।

पर्सनल कम्प्यूटर(Personal Computer) के मुख्य कार्यो में गेम.खेलना(Game Play), इन्टरनेट (Internet Use) का प्रयोग, शब्दप्रक्रिया (Letters writing)  इत्यादि शामिल हैं। पर्सनल कम्प्यूटर के कुछ व्यवसायिक कार्य (Business work) निम्नलिखित हैं।

1 डिजाइनिंग करना

2 सेल्सएइन्वेन्ट्री तथा प्रोडक्शन कन्ट्रोल

3 स्प्रेडशीट कार्य

4 अकाउन्टिंग

5 सॉफ्टवेयर निर्माण

6 वेबसाइट डिजाइनिंग तथा निर्माण

7 सांख्यिकी गणना इत्यादि
कम्प्यूटर के विभिन्न भाग

कम्प्यूटर के मुख्यत दो हिस्से होते हैं

1 हार्डवेयर (Hardware)

2 सॉफ्टवेयर (Software)

हार्डवेयर  कम्प्यूटर के भौतिक हिस्से जिन्हे हम देख या छू सकते हैं वो हार्डवेयर(Hardware) कहलाते हैं ये भाग मशीनी(Machine) ;मैकेनिकल(Mechanical) इलेक्ट्रीकल (Electrical)  या इलेक्ट्रोनिक (Electronic)  हो सकते हैं। हर कम्प्यूटर का हार्डवेयर ( Every Computer Hardware is Different ) अलग अलग हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कम्प्यूटर किस उद्देश्य (Type of Use) के लिये प्रयोग में लाया जा रहा है और व्यक्ति की आवश्यकता (Need) क्या है। 
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एक कम्प्यूटर में विभिन्न तरह के हार्डवेयर (Many types of Hardware in computer) होते है जिनमें मुख्य हैं।सी0पी0यू0(C.P.U.) , हार्ड डिस्क (Hard Disk) , रैम (Ram) , प्रोसेसर (Processor) , मॉनीटर (Monitor) , मदर बोर्ड (Mother board)  , फ्लॉपी ड्राइव ( Floppy disk) आदि। इनकी हम विस्तार से चर्चा आगे करेंगें। कम्प्यूटर के केबल पावर सप्लाई युनिट (Power supply unit)  ,की बोर्ड (Key board)  , माउस (mouse) , आदि भी हार्डवेयर के अंतर्गत आते हैं। की बोर्ड , माउस , मॉनीटर , माइक्रोफोन , प्रिंटर आदि को कभी कभी पेरिफेरल्स(Peripherals) भी कहा जाता है।

सॉफ्टवेयर(Software):-  कम्प्यूटर हमारी तरह हिन्दी या अंग्रेजी भाषा नहीं समझता हम कम्प्यूटर को जो निर्देश देते हैं उसकी एक नियत भाषा होती है। इसे मशीन लैंग्वेज या मशीन की भाषा कहा जाता है। इसी मशीन की भाषा में दिये जाने वाले निर्देशों को प्रोग्राम  कहते हैं। सॉफ्टवेयर उन प्रोग्रामों को कहा जाता है। जिनको हम हार्डवेयर पर चलाते हैं और जिनके द्वारा हमारे सारे काम कराए जाते हैं बिना सॉफ्टवेयर के कम्प्यूटर से कोई भी काम करा पाना असंभव है।
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मुख्यत सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं ।

1 सिस्टम सॉफ्टवेयर(System Software)

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System software  Means Window) ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है जिनका काम सिस्टम अर्थात कम्प्यूटर को चलाना तथा उसे काम करने लायक बनाए रखना है। 
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सिस्टम सॉफ्टवेयर की सहायता से ही हार्डवेयर अपना निर्धारित काम करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कम्पाइलर आदि सिस्टम सॉफ्यवेयर के मुख्य भाग हैं ।

2 एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर(Application Software)

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है। जो हमारे रोजमर्रा (Daily)के कामों (Works) को कम्प्यूटर में अधिक तेजी और सरलता (Very fast and easy)  से करने में मदद करते हैं। आवश्यकतानुसार भिन्न.भिन्न उपयोगों के लिए भिन्न.भिन्न एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं। जैसे लिखने के लिये। आंकड़े रखने के लिये, गाना रिकॉर्ड करने के लिये, वेतन की गणना, लेन.देन का हिसाब, वस्तुओं का स्टाक आदि रखने के लिये लिखे गए प्रोग्राम ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हैं।
कम्प्यूटर हार्डवेयर:- इनपुट, आउटपुट डिवाइस
हमने जाना कि पैरिफैरल्स हार्डवेयर (Peripherals Hardware) के वह इलेक्ट्रोमैकनिकल (Electro-mechanical) भाग हैं जो सीपीयू में बाहर से जोड़े जाते हैं। ये सीपीयू को प्रोग्राम्ड निर्देश या आंकड़े (Data)उपलब्ध कराते हैं और सीपीयू द्वारा प्रोसेस्ड जानकारी(Processed Information) को ग्रहण करते हैं। पैरिफैरल्स को मुख्यत। दो भागों में बांटा जा सकता है।

1 इनपुट डिवाइस (Input Device)
2 आउटपुट डिवाइस(Output Device)

इनपुट डिवाइस(Input Device)

जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह वह डिवाइस है जिनके द्वारा हम कम्प्यूटर को निर्देश देते हैं। इनसे संदेश लेकर कम्प्यूटर उन पर प्रोग्राम के अनुरूप काम करता है। जैसे कि कीबोर्ड, माउस, जॉय स्टिक, माइक्रोफोन आदि।


कीबोर्ड (Key board):- कीबोर्ड किसी भी कम्प्यूटर की प्रमुख इनपुट डिवाइस है। कम्प्यूटर के कीबोर्ड में भी सारे अक्षर टाइपराइटर की तरह के क्रम में होते हैं। लेकिन कीबोर्ड में टाइपराइटर से ज्यादा बटन होते हैं। इसमें कुछ फंक्शन बटन होते हैं जिनको बार बार किये जाने वाले कामों के लिये पूर्वनिर्धारित किया जा सकता है। जैसे आमतौर पर  बटन को सहायता के लिये प्रोग्राम किया जाता है। 
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की बोर्ड को कम्प्यूटर से जोड़ने के लिये एक विशेष जगह ;पोर्ट होती है। लेकिन आजकल बाजार में यू0एस0बी0 की बोर्ड भी आ रहे हैं जो कम्प्यूटर के यू0एस0बी0 पोर्ट में लग जाते हैं। इसी प्रकार वायरलैस की बोर्ड भी आते हैं जिनको कम्प्यूटर से जोड़ने की भी जरूरत नहीं होती। इस प्रकार के कीबोर्ड बैटरी से चलते हैं।

माउस (Mouse):- माउस भी एक इनपुट डिवाइस है लेकिन इसमें आमतौर पर तीन बटन होते हैं लैफ्ट बटन, राइट बटन और एक मिडिल व्हील माउस के इस्तेमाल से आपको की बोर्ड के किसी बटन को याद रखने की आवश्यकता नहीं होती बस माउस के पॉइंटर को स्क्रीन पर किसी नियत स्थान पर क्लिक करना होता है। 

आउटपुट डिवाइस (Output Device): -

जिस प्रकार इनपुट डिवाइस प्रयोक्ता (User) से निर्देश लेने के लिये काम आती है उसी प्रकार आउटपुट डिवाइस वो डिवाइस है जिनके द्वारा हम कंम्यूटर द्वारा प्रोसेस्ड जानकारी को देखते या ग्रहण करते हैं। मुख्य रूप से स्क्रीन ,मॉनीटर एवं प्रिंटर इसके उदाहरण है।

मॉनीटर (Monitor) :- कम्प्यूटर को हम जो भी निर्देश देते हैं या जिस प्रोसेस्ड जानकारी को हम ग्रहण करते हैं उसे हम मोनीटर पर देखते हैं ।मुख्य रूप से दो प्रकार के मॉनीटर आजकल प्रचलन में हैं।

सी0आर0टी0 मॉनीटर (C.R.T. Monitor) :- यह मॉनीटर उसी सिद्धांत पर काम करता है जिस पर हमारे घर का पुराना वाला टीवी। इसमें एक कैथोड रे ट्यूब होती है इसीलिये इसे सी0आर0टी0 मॉनीटर कहा जाता है। यह थोड़ा बड़ा होता है और इसकी स्क्रीन थोड़ी मुड़ी हुई रहती है।
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टी0एफ0टी0 मॉनीटर (T.F.T. Monitor) :- यह एक सीधा फ्लैट मॉनीटर होता है। यह वजन में कम होता है और जगह भी कम घेरता है। यह सी0आर0टी0 मॉनीटर से अपेक्षाकृत मँहगा होता है। 
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प्रिंटर (Printer) :-  आवश्यकता कार्य क्षमता और बजट के हिसाब से प्रिंटर अलग अलग तरह के होते हैं। 

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Metrics Printer):- इस प्रिंटर में रिब्बन का उपयोग होता है। यह भी 80 कॉलम और 132 कॉलम दो तरह की क्षमताओं में आते हैं। इसमें प्रिंटिंग का खर्चा बांकी प्रिंटरों की अपेक्षा कम आता है लेकिन प्रिंट की गुणवत्ता ;क्वालिटी और स्पीड दूसरे प्रिंटर्स के मुकाबले कम होती है इसमें एक बार में केवल एक रंग का प्रिंट लिया जा सकता है। इसलिये इसे मोनो प्रिंटर भी कहते हैं।
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इंकजैट प्रिंटर (Inkjet Printer):- यह इंकजैट टैक्नोलोज़ी पर काम करता है। इसमें मोनो और कलर्ड (रंगीन) दो तरह के प्रिंटर आते हैं। इसकी गुणवत्ता और स्पीड दोनों बेहतर होती है लेकिन इसमें प्रिंटिंग का खर्चा भी ज्यादा होता है।
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लेजरजैट प्रिंटर (Legerjet Printer):- यह थर्मल तकनीक पर काम करता है। इसमें भी मोनो और कलर्ड (रंगीन) दो तरह के प्रिंटर आते हैं। इसकी गुणवत्ता और स्पीड बांकी प्रिटरों से बेहतर होती है।
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आजकल बाजार में आल इन वन प्रिटर भी आते हैं जिसे आप प्रिंटर के अलावा फोटो कॉपी मशीन, स्कैनर और फैक्स की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
यू0पी0एस0(U.P.S.):- कम्प्यूटर को काम करने के लिये बिजली की आवश्यकता होती है। लेकिन आमतौर पर हमारे घरों में जो बिजली आती है उसमें बहुत से उतार चढाव फ्ल्क्चुएशन होते हैं जो कम्प्यूटर को खराब कर सकते हैं। साथ ही यदि आप कम्प्यूटर पर काम कर रही हैं और बिजली चले जाये और कम्प्यूटर बन्द हो जाये तो आपके द्वारा किया गया काम नष्ट हो सकता है और इस तरह कम्प्यूटर के खराब होने का खतरा भी बना रहता है। इसी से बचने के लिये एक डिवाइस आती है जिसे यू0पी0एस0 कहते हैं। यू0पी0एस0 यानि अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई इसमें एक बैटरी होती है जो बिजली से चार्ज होती रहती है और बिजली के जाने के बाद कम्प्यूटर को थोड़े देर चलाये रहती है ताकि आप अपना काम सहेज कर कम्प्यूटर को नॉर्मल शट डाउन कर सकें।





Monday, June 24, 2019

कम्प्यूटर क्या है जानिए आसान भाषा में (What is Computer)

कम्प्यूटर क्या है 

          कम्प्यूटर(Computer) एक ऐसा यंत्र  औजार या डिवाइस (Device)  है जो हमारे द्वारा दिये गये आंकड़ों डाटा (Data) को .ग्रहण (Accept) कर उस पर हमारे द्वारा दिये गये निर्देशों (Command) के अनुसार काम .करता है और हमें इच्छित परिणाम (Desired result) प्रदान करता है जिन निर्देशों (Command) के .आधार पर कम्प्यूटर काम करता है उन्हें हम प्रोग्राम (Program) कहते हैं हिन्दी में कम्प्यूटर को संगणक [यानी गणना(Calculation) करने वाला] भी कहा जाता है 

         कई बार कम्प्यूटर के लिये हम लोग पी0सी0 (P.C.) शब्द का भी प्रयोग .करते हैं पी0सी0 एक अंग्रेजी शब्द है जिसका मतलब होता है .पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) यानि व्यक्तिगत .कम्प्यूटर आपने शेयर्ड कम्प्यूटर का नाम .भी सुना होगा शेयर्ड कम्प्यूटर (Shared Computer)वह है जिसे कई भिन्न-भिन्न लोग उपयोग करते हैं विशेष रूप से इसका तात्पर्य उस कम्प्यूटर से है जो सार्वजनिक या साझा (All People)पहुँच के लिए उपलब्ध हों जैसे शालाएँ.पुस्तकालय, इंटरनेट और गेमिंग कैफ़ेज़ और अन्य सार्वजनिक .स्थानों पर पाए जाने वाले कम्प्यूटर।

डाटा क्या है (What is Data)

        आपने डाटा (Data) शब्द बहुत बार सुना होगा इसका शाब्दिक अर्थ (Word Meaning) है आंकड़े (Collect data) लेकिन कम्प्यूटर (Computer) के क्षेत्र (Area) में यह विभिन्न अर्थों (Different Meaning) में प्रयुक्त होता है इसका अर्थ (That means) है कुछ तथ्य अंक और सांख्यिकी (many data numbers and Mathematics)  का समूह जिस पर प्रक्रिया करने से अर्थपूर्ण सूचना (Result Information) प्राप्त होती है जैसे आप किसी स्थान के पूरे महीने के तापमान के आंकड़े (Temperature Data) एक जगह रखें तो वह मासिक तापमान का आंकड़ा होगा यानि टैम्परेचर डाटा  (Temperature Data) कभी कभी डाटा को रॉ डाटा (Row Data) भी कहा जाता है इसका मतलब हुआ ऐसा डाटा जिस पर अभी कोई भी प्रक्रिया नहीं हुई है लेकिन डाटा शब्द का उपयोग हमेशा गणितीय आंकड़ों के सन्दर्भ में ही हो यह कोई आवश्यक नहीं अक्सर चित्र(Image) ,वीडियो फाइल(Video File) ,फोटो(Photo), डोक्यूमैंट (Document) आदि भी डाटा कहे जाते हैं

प्रक्रिया क्या है ?(What is Process?)

डाटा जैसे अक्षर अंक सांख्यिकी या किसी चित्र को सुव्यवस्थित (Resize and Edit etc.) करने या उनकी गणना करने को प्रक्रिया (Process) कहते हैं। किसी भी डाटा को अर्थपूर्ण जानकारी में बदलने के लिये उसे प्रक्रिया से गुजरना पड़ता हैं। इसके बाद इसे विभिन्न व्यक्ति जिन्हें सूचना (Information) की आवश्यकता है। अपने अपने कार्य के अनुसार प्रयोग (Use) कर सकते हैं। जैसे यदि हम पिछ्ले उदाहरण (Example) के मासिक तापमान के डाटा की बात करें तो इस डाटा पर प्रक्रिया (Process) कर यह पता लगा सकते हैं इस महीने सबसे अधिक तापमान (High Temperature) या सबसे कम तापमान (Low Temperature) क्या रहा या इस महीने का औसत तापमन (Average Temperature)क्या था। प्रक्रिया में निम्नालिखित पदो का समावेश (Inclusion/Adsorption) होता है।

गणना (Calculation) - जोडना, घटाना,  गुणा करना, भाग देना, औसत करना।

तुलना (Comparison) - बराबर, बड़ा, छोटा,  शून्य,  धनात्मक, ऋणात्मक।

निर्णय लेना (Decision Making) - किसी शर्त या तर्क के आधार पर विभिन्न निर्णय लेना।

तर्क (Logic) - आवश्यक परिणाम को प्राप्त करने के लिए पदों का क्रम।

         प्रक्रिया केवल संख्याओं (अंकों) की गणना को ही नहीं कहते हैं बल्कि कम्प्यूटर की सहायता से दस्तावेजों में त्रुटियाँ ढ़ूंढ़ना, टैक्ट को व्यवस्थित करना जैसे कई काम भी प्रक्रिया कहलाते हैं।
सूचना क्या है ?(What is information?)

        जिस डाटा पर प्रक्रिया (Data Process Complete) हो चुकी हो वह सूचना कहलाती है। अर्थपूर्ण तथ्य अंक या सांख्यिकी (Every working information) सूचना होती है, दूसरो शब्दों में डाटा पर प्रक्रिया होने के बाद जो अर्थपूर्ण डाटा प्राप्त होता है। उसे ही सूचना (Final Information) कहते हैं।
                                       

सूचना के गुण ( Quality of information) :- 

निर्णय लेने के लिये हमें सूचना की आवश्यकता होती है। किसी भी सूचना में अग्रलिखित (Many Qualities) गुण होने चाहियेः

अर्थपूर्णता सूचना में कुछ ना कुछ अर्थ होना चाहिये (Wright Information)

पूर्व जानकारी से सहमति  सूचना को किसी पूर्व जानकारी का अनुमोदन  करना चाहिये।(Previous information and Consort correct information)


पूर्व जानकारी में सुधार  सूचना को किसी पूर्व जानकारी में कुछ जोड़ना चाहिये या उसे सुधारना चाहिये।(Improvement  past information and add some information )

संक्षिप्तता  सूचना संक्षिप्त होनी चाहिये। (Brief Information )

शुद्धता या यथार्थता  सूचना सही होनी चाहिये ताकि उस की आधार पर निर्णय लिये जा सकें। (And final Make decision  for correct Information ) 

Friday, June 21, 2019

कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान(General Knowledge of Computer every thing related)

कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान


  1.  डाॅ. डगलस इंजेलबार्ट (Dr. Douglas Engelbart)  ने 1964 माउस का सर्वप्रथम आविष्कार किया।
  2.  प्रथम वेब साइट के निर्माण का पूर्ण श्रेय टिम बर्नस ली (Tim Burners Lee)  को है। इन्हें World Wide Web  का संस्थापक कहा जाता है।
  3. बिल गेट्स (Bill Gates)  तथा पौल एलेन (Paul Allen)  ने मिलकर 1975 में माइक्रोसाफ्ट कॉरपोरेशन की स्थापना की।
  4. बिल गेट्स की प्रसिद्ध पुस्तक 'The Road Ahead'  1995 में लिखी गई। वर्तमान में वे "Bill and Melinda Gates Foundation"  द्वारा सामाजिक कार्यों में लगे है।
  5. भारत के सबीर भाटिया (Sabeer Bhatia)  ने फ्री ईमेल सेवा हॉटमेल (Hotmail) को जन्म दिया।
  6. ब्लू टूथ एक बेतार तकनीक (Wireless Technology)  है जिसके द्वारा मोबाइल फोन के जरिये कम दूरी में कम्प्यूटर और विभिन्न उपकरणों को जोड़ा जाता है।
  7.  बैंकों में एटीएम (Automatic Teller Machine)वैन (WAN)  का एक उदाहरण है।
  8. WiFi का अर्थ है Wireless Fidelity इसका प्रयोग बेतार तकनीक द्वारा कम्प्यूटर के दो उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है।
  9. WAP (Wireless Access Point) एक युक्ति है जो विभिन्न संचार माध्यमों को जोड़कर एक बेतार नेटवर्क बनाता है।
  10. कम्प्यूटर के Standby Mode  में मॉनीटर तथा हार्ड डिस्क ऑफ हो जाता है ताकि कम उर्जा खपत हो। किसी भी बटन को दबाने या माउस क्लिक करने से कम्प्यूटर Standby Mode  से बाहर आ जाता है।
  11. ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse) में माउस पैड की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि इसमें कोई घूमने वाला भाग नहीं होता।
  12.  Hyper Text  एक डाक्यूमेंट है जो उस वेब पेज को दूसरे डाक्यूमेंट के साथ जोड़ता है।
  13.  Blog शब्द Weblog  से बना है। Blog  किसी व्यक्ति द्वारा निर्मित वेब साइट है जहां वह अपने विचार अनुभव या जानकारी रख सकता है। इस वेब साइट को पढ़ने वाले अन्य व्यक्ति भी इस विषय पर अपनी टिप्पणी (Comment)  दे सकते हैं।
  14. Beta Release  किसी साफ्टवेयर या तकनीक की उपयोगिता को परखने के लिए निर्माण के दौरान उसे बाजार में जारी करने को कहा जाता है।
  15. पॉप अप (Pop-up) वेब ब्राउजिंग के दौरान स्वयं खुलने वाला विज्ञापन का विण्डो है।
  16. की.बोर्ड की संरचना के निर्माण का श्रेय क्रिस्टोफर लॉथम सोल्स (Christopher Latham Sholes)  को जाता है।
  17. डिजिटल काम्पैक्ट डिस्क (DCD)  का आविष्कार 1965 में जेम्स रसेल (James Russell) ने किया।
  18. बॉब नोयी (Bob Noyee) तथा गार्डन मूरे (Gordon Moore)  ने सम्मिलित रूप से इंटेल (Intel)  नामक कम्पनी की स्थापना की।
  19. मोटरोला (Motorola)  के डॉ0 मार्टिन कूपन (Dr. Martin Cooper) ने मोबाइल फोन का आविष्कार किया।
  20. जीएसएम (GSM-Global System For Mobile Communication)  मोबाइल फोन के लिए प्रयुक्त एक लोकप्रिय मानक है।
  21.  सीडीएमए (CDMA-Code Division Multiple Access)  मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने की व्यवस्था है।
  22. कलकुलेटर तथा कम्प्यूटर में अंतर यह है कि कम्प्यूटर को एक साथ कई निर्देश या निर्देशों का समूह दिया जा सकता है तथा यह एक साथ कई कार्य कर सकता है। इसके विपरीत कलकुलेटर को एक साथ एक ही निर्देश दिया जा सकता है।
  23. प्रथम व्यावसायिक इंटीग्रेटेड चिप का निर्माण फेयर चाइल्ड सेमीकण्डक्टर कॉरपोरेशन (Fair Child Semiconductor Corporation)  ने 1961 में किया।
  24.  मॉनीटर का आकार मॉनीटर के विकर्ण (Diagonal)  की लम्बाई में मापा जाता है।
  25. फ्लापी डिस्क का आविष्कार IBM के वैज्ञानिक एलान शुगार्ट (Alan Shugart) ने 1971 में किया।
  26.  मानव मस्तिष्क और कम्प्यूटर में सबसे बड़ा अंतर यह है कि कम्प्यूटर की स्वयं की सोचने की क्षमता नहीं होती।
  27. होम थियेटर एक पर्सनल कम्प्यूटर है जिसका प्रयोग मनोरंजन के लिए किया जाता है। इसमें वीडियो प्लेयरए आडियोध्वीडियो रिकार्डरए टेलीविजन गेम्सए इंटरनेट जैसी अनेक सुविधाएं रहती हैं।
  28. कम्प्यूटर प्लेटफार्म का तात्पर्य कम्प्यूटर में प्रयुक्त आपरेटिंग सिस्टम से है जो अन्य प्रोग्रामों के क्रियान्वयन के लिए आधार तैयार करता है। एक प्लेटफार्म में चलने वाले प्रोग्राम सामान्यतरू दूसरे प्लेटफार्म में नहीं चलते हैं।
  29. अमेरिका के विंटेन कर्फ (Vinten Cerf)  को इंटरनेट का जन्मदाता (Father of the Internet) कहा जाता है।
  30. नेटीकेट (Netiquette-Net+etiquette)  इंटरनेट प्रयोग के समय किये जाने वाले अपेक्षित व्यवहारों और नियमों का समूह है।
  31. इंटरनेट का संचालन किसी संस्था या सरकार या प्रशासन के नियंत्रण से मुक्त है।
  32. जीपीआरएस (GPRS-General Pocket Radio Service)  वायरलेस द्वारा मोबाइल फोन से इंटरनेट सुविधा के प्रयोग की तकनीक है।
  33. हाइपर टेक्स्ट (Hyper Text)  एक व्यवस्था है जिसके तहत टेक्स्टए रेखाचित्र व प्रोग्राम आदि को आपस में लिंक किया जा सकता है। इसका विकास टेड नेल्सन (Ted Nelson)  ने 1960 में किया।
  34. WAP-Wireless Application Protocol  मोबाइल फोन द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान प्रयोग किये जाने वाले नियमों का समूह है।
  35. इंटरनेट फोन कम्प्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग कर टेलीफोन कॉल स्थापित करने की प्रक्रिया है। 
  36. इंटरनेट तथा कम्प्यूटर का प्रयोग कर किये गये अवैध कार्यए जैसे.सुरक्षित फाइलों को देखना और नष्ट करनाए वेब पेज में परिवर्तन करनाए क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल करनाए वायरस जारी करना आदि साइबर (Cyber Crime)  कहलाता है।
  37. इकॉन (ICANN-Internet Corporation for Assigned Names and Numbers) इंटरनेट पर प्रत्येक कम्प्यूटर के लिए एक विशेष पता देने के उद्देश्य से 1998 में गठित एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है।
  38. इमोटीकॉन (Emoticon-emotion+icon)  एक या अधिक संकेतों का समुच्चय है जिसके द्वारा इंटरनेट पर किसी विशेष भावना को व्यक्त किया जाता है।जैसे-:-)  का मतलब मुस्कुराता चेहरा है।     :-( का मतलब दुखी चेहरा है।
  39. एक्स्टानेट (Extranet)  एक व्यक्तिगत नेटवर्क है जो व्यवसाय के लिए इंटरनेट तकनीक और सार्वजनिक संचार व्यवस्था का प्रयोग करता है।
  40. हैकर (Hacker)  एक व्यक्ति है जो इंटरनेट पर इलेक्टानिक सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर मनोरंजन या उत्सुकतावश गुप्त सूचनाएं प्राप्त करता है।
  41. ब्रिटेन के एलान टूरिंग (Alan Turing) सर्वप्रथम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की विचारधारा रखी। पर इस क्षेत्र में अपने योगदान के कारण जान मैकार्थी (John Mc Carthy)  को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Father of Artificial Intelligence) का जनक कहा जाता है।
  42. डेस्कटॉप पब्लिशिंग (DTP)  का विकास मैकिन्टोस (Macintosh)  कम्पनी द्वारा किया गया।
  43.  इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्ध विश्व के सबसे बड़े इनसाक्लोपीडिया विकिपीडिया (Wikipedia)  की स्थापना जिमी वेल्स (Jimmy Wales)  ने किया।
  44. बंग्लोर स्थित इंफोसिस टेक्नोलॉजी य(Infosys Technology)  का प्रारंभ एनण् नारायणमूर्ति द्वारा 1981 में किया गया।
  45. वर्तमान में विश्व का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर IBM का रोड रनर (Road runner) है जो 1000 ट्रिलियन गणनाएं प्रति सेकेण्ड कर सकता है।
  46. भारत का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर एका (Eka)  है जिसका विकास टाटा ग्रुप के पुणे स्थित सीआरएल (Computational Research Laboratory)  द्वारा किया गया है। यह 117.9 ट्रिलियन गणनाएं प्रति सेकेण्ड कर सकता है।
  47. विलियन हिगिनबॉथम (William Higgin Botham)  ने 1958 में कम्प्यूटर के प्रथम वीडियो गेम का निर्माण किया।
  48. माया II (Maya II) एक DNA कम्प्यूटर है जिसमें सिलिकॉन चिप की जगह DNA धागे का प्रयोग किया गया है।
  49. माया(Maya) एक शक्तिशाली त्रिआयामी साफ्टवेयर है जिसका प्रयोग चलचित्रों और विडियो गेम में विशेष प्रभाव डालने के लिए किया जाता है।
  50. एलन टूरिंग (Alan Turing)  को आधुनिक कम्प्यूटर विज्ञान का जनक माना जाता है।