Wednesday, June 26, 2019

Types of Computers (कम्प्यूटरों के प्रकार)

Types of Computers (कम्प्यूटरों के प्रकार) 
1. अनुप्रयोग(Types of Working) के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार 
यद्यपि कम्प्यूटर के अनेक अनुप्रयोग हैं लेकिन प्रमुख अनुप्रयोगों के आधार पर कम्प्यूटरों के तीन प्रकार होते हैं
1 एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
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2 डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
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3 हाईब्रिड कम्प्यूटर(High Bird) 
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2 . आकार के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार (Computer types on behalf Size)
आकार के आधार पर हम कम्प्यूटरों को निम्न श्रेणियाँ प्रदान कर सकते हैं  
1 माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
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2 वर्क स्टेशन (Work Station)
3 मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
4 मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
5 सुपर कम्प्यूटर(Super Computer)



पर्सनल कम्प्यूटर (P.C.)ऐसे माइक्रो कम्प्यूटर हैं जो विशेष रूप से व्यक्तिगत अथवा छोटे समूह के द्वारा प्रयोग में लाए जाते हैं। इन कम्प्यूटरों को बनाने में माइक्रोप्रोसेसर(Microprocessor) मुख्य रूप से सहायक होते है। पर्सनल कम्प्यूटर निर्माण विशेष क्षेत्र तथा कार्य को ध्यान में रखकर किया जाता है उदाहरणार्थ. घरेलू कम्प्यूटर (Home Computer) तथा कार्यालय (office Computer) में प्रयोग किये जाने वाले कम्प्यूटर इसके बारे में विस्तार पूर्वक अलग से चर्चा (Discussion)करेंगे।

पर्सनल कम्प्यूटर(Personal Computer) के मुख्य कार्यो में गेम.खेलना(Game Play), इन्टरनेट (Internet Use) का प्रयोग, शब्दप्रक्रिया (Letters writing)  इत्यादि शामिल हैं। पर्सनल कम्प्यूटर के कुछ व्यवसायिक कार्य (Business work) निम्नलिखित हैं।

1 डिजाइनिंग करना

2 सेल्सएइन्वेन्ट्री तथा प्रोडक्शन कन्ट्रोल

3 स्प्रेडशीट कार्य

4 अकाउन्टिंग

5 सॉफ्टवेयर निर्माण

6 वेबसाइट डिजाइनिंग तथा निर्माण

7 सांख्यिकी गणना इत्यादि
कम्प्यूटर के विभिन्न भाग

कम्प्यूटर के मुख्यत दो हिस्से होते हैं

1 हार्डवेयर (Hardware)

2 सॉफ्टवेयर (Software)

हार्डवेयर  कम्प्यूटर के भौतिक हिस्से जिन्हे हम देख या छू सकते हैं वो हार्डवेयर(Hardware) कहलाते हैं ये भाग मशीनी(Machine) ;मैकेनिकल(Mechanical) इलेक्ट्रीकल (Electrical)  या इलेक्ट्रोनिक (Electronic)  हो सकते हैं। हर कम्प्यूटर का हार्डवेयर ( Every Computer Hardware is Different ) अलग अलग हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कम्प्यूटर किस उद्देश्य (Type of Use) के लिये प्रयोग में लाया जा रहा है और व्यक्ति की आवश्यकता (Need) क्या है। 
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एक कम्प्यूटर में विभिन्न तरह के हार्डवेयर (Many types of Hardware in computer) होते है जिनमें मुख्य हैं।सी0पी0यू0(C.P.U.) , हार्ड डिस्क (Hard Disk) , रैम (Ram) , प्रोसेसर (Processor) , मॉनीटर (Monitor) , मदर बोर्ड (Mother board)  , फ्लॉपी ड्राइव ( Floppy disk) आदि। इनकी हम विस्तार से चर्चा आगे करेंगें। कम्प्यूटर के केबल पावर सप्लाई युनिट (Power supply unit)  ,की बोर्ड (Key board)  , माउस (mouse) , आदि भी हार्डवेयर के अंतर्गत आते हैं। की बोर्ड , माउस , मॉनीटर , माइक्रोफोन , प्रिंटर आदि को कभी कभी पेरिफेरल्स(Peripherals) भी कहा जाता है।

सॉफ्टवेयर(Software):-  कम्प्यूटर हमारी तरह हिन्दी या अंग्रेजी भाषा नहीं समझता हम कम्प्यूटर को जो निर्देश देते हैं उसकी एक नियत भाषा होती है। इसे मशीन लैंग्वेज या मशीन की भाषा कहा जाता है। इसी मशीन की भाषा में दिये जाने वाले निर्देशों को प्रोग्राम  कहते हैं। सॉफ्टवेयर उन प्रोग्रामों को कहा जाता है। जिनको हम हार्डवेयर पर चलाते हैं और जिनके द्वारा हमारे सारे काम कराए जाते हैं बिना सॉफ्टवेयर के कम्प्यूटर से कोई भी काम करा पाना असंभव है।
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मुख्यत सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं ।

1 सिस्टम सॉफ्टवेयर(System Software)

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System software  Means Window) ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है जिनका काम सिस्टम अर्थात कम्प्यूटर को चलाना तथा उसे काम करने लायक बनाए रखना है। 
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सिस्टम सॉफ्टवेयर की सहायता से ही हार्डवेयर अपना निर्धारित काम करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कम्पाइलर आदि सिस्टम सॉफ्यवेयर के मुख्य भाग हैं ।

2 एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर(Application Software)

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है। जो हमारे रोजमर्रा (Daily)के कामों (Works) को कम्प्यूटर में अधिक तेजी और सरलता (Very fast and easy)  से करने में मदद करते हैं। आवश्यकतानुसार भिन्न.भिन्न उपयोगों के लिए भिन्न.भिन्न एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं। जैसे लिखने के लिये। आंकड़े रखने के लिये, गाना रिकॉर्ड करने के लिये, वेतन की गणना, लेन.देन का हिसाब, वस्तुओं का स्टाक आदि रखने के लिये लिखे गए प्रोग्राम ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हैं।
कम्प्यूटर हार्डवेयर:- इनपुट, आउटपुट डिवाइस
हमने जाना कि पैरिफैरल्स हार्डवेयर (Peripherals Hardware) के वह इलेक्ट्रोमैकनिकल (Electro-mechanical) भाग हैं जो सीपीयू में बाहर से जोड़े जाते हैं। ये सीपीयू को प्रोग्राम्ड निर्देश या आंकड़े (Data)उपलब्ध कराते हैं और सीपीयू द्वारा प्रोसेस्ड जानकारी(Processed Information) को ग्रहण करते हैं। पैरिफैरल्स को मुख्यत। दो भागों में बांटा जा सकता है।

1 इनपुट डिवाइस (Input Device)
2 आउटपुट डिवाइस(Output Device)

इनपुट डिवाइस(Input Device)

जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह वह डिवाइस है जिनके द्वारा हम कम्प्यूटर को निर्देश देते हैं। इनसे संदेश लेकर कम्प्यूटर उन पर प्रोग्राम के अनुरूप काम करता है। जैसे कि कीबोर्ड, माउस, जॉय स्टिक, माइक्रोफोन आदि।


कीबोर्ड (Key board):- कीबोर्ड किसी भी कम्प्यूटर की प्रमुख इनपुट डिवाइस है। कम्प्यूटर के कीबोर्ड में भी सारे अक्षर टाइपराइटर की तरह के क्रम में होते हैं। लेकिन कीबोर्ड में टाइपराइटर से ज्यादा बटन होते हैं। इसमें कुछ फंक्शन बटन होते हैं जिनको बार बार किये जाने वाले कामों के लिये पूर्वनिर्धारित किया जा सकता है। जैसे आमतौर पर  बटन को सहायता के लिये प्रोग्राम किया जाता है। 
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की बोर्ड को कम्प्यूटर से जोड़ने के लिये एक विशेष जगह ;पोर्ट होती है। लेकिन आजकल बाजार में यू0एस0बी0 की बोर्ड भी आ रहे हैं जो कम्प्यूटर के यू0एस0बी0 पोर्ट में लग जाते हैं। इसी प्रकार वायरलैस की बोर्ड भी आते हैं जिनको कम्प्यूटर से जोड़ने की भी जरूरत नहीं होती। इस प्रकार के कीबोर्ड बैटरी से चलते हैं।

माउस (Mouse):- माउस भी एक इनपुट डिवाइस है लेकिन इसमें आमतौर पर तीन बटन होते हैं लैफ्ट बटन, राइट बटन और एक मिडिल व्हील माउस के इस्तेमाल से आपको की बोर्ड के किसी बटन को याद रखने की आवश्यकता नहीं होती बस माउस के पॉइंटर को स्क्रीन पर किसी नियत स्थान पर क्लिक करना होता है। 

आउटपुट डिवाइस (Output Device): -

जिस प्रकार इनपुट डिवाइस प्रयोक्ता (User) से निर्देश लेने के लिये काम आती है उसी प्रकार आउटपुट डिवाइस वो डिवाइस है जिनके द्वारा हम कंम्यूटर द्वारा प्रोसेस्ड जानकारी को देखते या ग्रहण करते हैं। मुख्य रूप से स्क्रीन ,मॉनीटर एवं प्रिंटर इसके उदाहरण है।

मॉनीटर (Monitor) :- कम्प्यूटर को हम जो भी निर्देश देते हैं या जिस प्रोसेस्ड जानकारी को हम ग्रहण करते हैं उसे हम मोनीटर पर देखते हैं ।मुख्य रूप से दो प्रकार के मॉनीटर आजकल प्रचलन में हैं।

सी0आर0टी0 मॉनीटर (C.R.T. Monitor) :- यह मॉनीटर उसी सिद्धांत पर काम करता है जिस पर हमारे घर का पुराना वाला टीवी। इसमें एक कैथोड रे ट्यूब होती है इसीलिये इसे सी0आर0टी0 मॉनीटर कहा जाता है। यह थोड़ा बड़ा होता है और इसकी स्क्रीन थोड़ी मुड़ी हुई रहती है।
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टी0एफ0टी0 मॉनीटर (T.F.T. Monitor) :- यह एक सीधा फ्लैट मॉनीटर होता है। यह वजन में कम होता है और जगह भी कम घेरता है। यह सी0आर0टी0 मॉनीटर से अपेक्षाकृत मँहगा होता है। 
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प्रिंटर (Printer) :-  आवश्यकता कार्य क्षमता और बजट के हिसाब से प्रिंटर अलग अलग तरह के होते हैं। 

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Metrics Printer):- इस प्रिंटर में रिब्बन का उपयोग होता है। यह भी 80 कॉलम और 132 कॉलम दो तरह की क्षमताओं में आते हैं। इसमें प्रिंटिंग का खर्चा बांकी प्रिंटरों की अपेक्षा कम आता है लेकिन प्रिंट की गुणवत्ता ;क्वालिटी और स्पीड दूसरे प्रिंटर्स के मुकाबले कम होती है इसमें एक बार में केवल एक रंग का प्रिंट लिया जा सकता है। इसलिये इसे मोनो प्रिंटर भी कहते हैं।
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इंकजैट प्रिंटर (Inkjet Printer):- यह इंकजैट टैक्नोलोज़ी पर काम करता है। इसमें मोनो और कलर्ड (रंगीन) दो तरह के प्रिंटर आते हैं। इसकी गुणवत्ता और स्पीड दोनों बेहतर होती है लेकिन इसमें प्रिंटिंग का खर्चा भी ज्यादा होता है।
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लेजरजैट प्रिंटर (Legerjet Printer):- यह थर्मल तकनीक पर काम करता है। इसमें भी मोनो और कलर्ड (रंगीन) दो तरह के प्रिंटर आते हैं। इसकी गुणवत्ता और स्पीड बांकी प्रिटरों से बेहतर होती है।
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आजकल बाजार में आल इन वन प्रिटर भी आते हैं जिसे आप प्रिंटर के अलावा फोटो कॉपी मशीन, स्कैनर और फैक्स की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
यू0पी0एस0(U.P.S.):- कम्प्यूटर को काम करने के लिये बिजली की आवश्यकता होती है। लेकिन आमतौर पर हमारे घरों में जो बिजली आती है उसमें बहुत से उतार चढाव फ्ल्क्चुएशन होते हैं जो कम्प्यूटर को खराब कर सकते हैं। साथ ही यदि आप कम्प्यूटर पर काम कर रही हैं और बिजली चले जाये और कम्प्यूटर बन्द हो जाये तो आपके द्वारा किया गया काम नष्ट हो सकता है और इस तरह कम्प्यूटर के खराब होने का खतरा भी बना रहता है। इसी से बचने के लिये एक डिवाइस आती है जिसे यू0पी0एस0 कहते हैं। यू0पी0एस0 यानि अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई इसमें एक बैटरी होती है जो बिजली से चार्ज होती रहती है और बिजली के जाने के बाद कम्प्यूटर को थोड़े देर चलाये रहती है ताकि आप अपना काम सहेज कर कम्प्यूटर को नॉर्मल शट डाउन कर सकें।





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